फरेरी मूवी रिव्यू: एक यादगार फिल्म का पूरा विश्लेषण

फरेरी मूवी रिव्यू - एक यादगार फिल्म

फरेरी मूवी: एक ऐसी फिल्म जो दिल छू जाएगी

हिंदी फिल्म रिव्यू

आजकल अच्छी फैमिली मूवी ढूंढना मुश्किल हो गया है। या तो एक्शन भरा हुआ है या फिर बोरिंग लव स्टोरीज। पर एक फिल्म ऐसी है जो आपका दिल जीत लेगी - उसका नाम है फरेरी

यह फिल्म मैंने हाल ही में देखी और सच कहूं तो इतनी अच्छी लगी कि मैंने दो बार देखी! कहानी इतनी साधारण है पर एक्जीक्यूशन इतना जबरदस्त है कि आप सोचेंगे - "अरे यार, ऐसी फिल्में भी बनती हैं?"

क्या है कहानी? (बिना स्पॉइलर के)

एक लड़की है नियति - अनाथ है, आश्रम में रहती है। उसका सपना है पढ़-लिख कर कुछ बनना। उसे कोचिंग क्लास में स्कॉलरशिप मिल जाती है। वहां उसकी दोस्ती हो जाती है छवि और आकाश से। छवि और आकाश अमीर घर के हैं पर उन पर भी पढ़ाई का प्रेशर है।

नियति उनकी पढ़ाई में मदद करती है। तीनों की गहरी दोस्ती हो जाती है। पर एग्जाम आते ही प्रेशर बढ़ जाता है। दोस्ती में ये तीनों एक ऐसी गलती कर बैठते हैं जिससे उनकी जिंदगी बदल जाती है। - फिल्म का टर्निंग पॉइंट

वह गलती है नकल करना। यह नकल का मामला इतना बड़ा हो जाता है कि पुलिस तक केस चला जाता है। पूरी फिल्म यह दिखाती है कि नियति कैसे अपनी अक्ल और हिम्मत से इस बड़ी समस्या का सामना करती है।

फिल्म अच्छी क्यों लगी? कुछ खास बातें

1. नियति का किरदार

अलीजा अग्निहोत्री (सलमान खान की भांजी) ने इतना अच्छा एक्टिंग किया है कि यूं नहीं लगता कि यह उनकी पहली फिल्म है। नियति का किरदार इतना रियल लगता है - कोई परफेक्ट रोबोट नहीं, एक असली लड़की जिसमें कमजोरियां भी हैं पर हिम्मत भी बहुत है।

2. दोस्ती असली लगती है

ज्यादातर फिल्मों में लड़का-लड़की की दोस्ती प्यार में बदल जाती है। पर इस फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है। नियति, छवि और आकाश की दोस्ती बिल्कुल वैसी ही है जैसी हमारी स्कूल/कॉलेज की दोस्ती होती थी।

3. माता-पिता के लिए भी सीख

यह फिल्म पेरेंट्स को भी दिखानी चाहिए। आकाश के पापा (रोनित रॉय) का किरदार दिखाता है कि बच्चों पर टॉप करने का प्रेशर कैसे उनकी जिंदगी बर्बाद कर देता है।

4. गाने दिल को छू लेते हैं

"फिकर नॉट" गाना इतना पॉजिटिव है कि आपका मूड फ्रेश हो जाएगा। गाने फिल्म का हिस्सा लगते हैं, बस ऊपर से थोपे हुए नहीं।

5. दूसरा हाफ थ्रिलर जैसा

पहला हाफ तो अच्छा चल रहा है, पर दूसरा हाफ शुरू होते ही फिल्म थ्रिलर बन जाती है। कोर्टरूम का ड्रामा, इन्वेस्टिगेशन - आपकी सांसें रुकी रहेंगी।

कुछ कमियां? हां थोड़ी बहुत

कोई फिल्म परफेक्ट नहीं होती। कुछ लोग कह सकते हैं कि प्लॉट थोड़ा प्रिडिक्टेबल लगा। पुलिस इंस्पेक्टर का किरदार भी थोड़ा पुराना फॉर्मूला लगा। पर कहानी इतनी अच्छी तरह से टोल्ड है कि ये छोटी-मोटी कमियां नजर नहीं आतीं।

मेरी रेटिंग

★★★★☆

4/5 स्टार्स - फरेरी एक बेहतरीन फिल्म है जो आपको सोचने पर मजबूर कर देती है। एक बार जरूर देखें!

फरेरी क्यों देखनी चाहिए? 5 ठोस कारण

  • ताज़ा कहानी: रीमेक और सेक्वल के जमाने में फरेरी एक ताज़ी हवा की झोंक की तरह आती है।
  • रिलेटेबल किरदार: आपको लगेगा कि नियति आपकी क्लास की कोई लड़की है, आकाश आपका कोई दोस्त है।
  • पूरे परिवार के साथ देख सकते हैं: दादा-दादी, मम्मी-पापा, बच्चे - सबके साथ बैठकर एन्जॉय कर सकते हैं।
  • जरूरी संदेश: फिल्म बिना लेक्चर दिए सिखाती है कि ईमानदारी और मेहनत ही असली जीत है।
  • नए चेहरों की चमक: अलीजा, प्रसन्ना, ज़ैन - तीनों ने शानदार एक्टिंग की है। लगता है बॉलीवुड में नए टैलेंट आने वाले हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

फरेरी कहां देख सकते हैं?

फरेरी आप ZEE5 पर देख सकते हैं क्योंकि यह ZEE5 की एक्सक्लूसिव फिल्म है। आप YouTube Movies, Google Play Movies और Apple TV पर भी इसे रेंट या खरीद सकते हैं।

क्या यह फिल्म बच्चों के लिए ठीक है?

हां, बिल्कुल! यह U/A सर्टिफिकेट वाली फिल्म है और 10+ उम्र के बच्चों के लिए बिल्कुल सुरक्षित है। फिल्म में कोई अश्लील दृश्य या गलत भाषा नहीं है।

फिल्म की लंबाई कितनी है?

फरेरी की कुल लंबाई लगभग 2 घंटे 14 मिनट है, जो एकदम सही है - ना ज्यादा लंबी ना छोटी।

क्या यह किसी रियल स्टोरी पर आधारित है?

नहीं, फरेरी एक काल्पनिक कहानी है, हालांकि यह आज के एजुकेशन सिस्टम और स्टूडेंट्स के प्रेशर को बहुत रियलिस्टिक तरीके से दिखाती है।

नोट: कृपया इल्लीगल वेबसाइट्स से मूवी डाउनलोड न करें। यह गलत है और फिल्म बनाने वालों को नुकसान पहुंचाता है। फरेरी को लीगल प्लेटफॉर्म्स पर देखकर फिल्म इंडस्ट्री को सपोर्ट करें।

फरेरी मूवी रिव्यू पूरा हुआ!
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